आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सभी अपने करियर, रिश्तों और भविष्य को लेकर काफी जागरूक हैं। ऐसे में परिवार नियोजन यानी फैमिली प्लानिंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय बन गया है।
सही समय पर और सही जानकारी के साथ गर्भधारण की योजना बनाना न सिर्फ कपल्स को मानसिक रूप से तैयार करता है, बल्कि यह महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ज़रूरी है। लेकिन कई बार जानकारी की कमी या कुछ गलतियों की वजह से अनचाही प्रेग्नेंसी का खतरा बढ़ जाता है।

अनचाही प्रेग्नेंसी किसी भी कपल के लिए तनावपूर्ण स्थिति हो सकती है। यह न केवल उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालती है।
इसलिए, प्रेग्नेंट होने से बचने के तरीकों और गर्भनिरोधक उपायों के बारे में सही और पूरी जानकारी होना बेहद ज़रूरी है।
इस ब्लॉग में, हम आपको गर्भ निरोध के उन 10 असरदार तरीकों के बारे में विस्तार से बताएंगे, जो आपको अनचाही प्रेग्नेंसी से बचाने में मदद कर सकते हैं। हम इन उपायों के फायदे, नुकसान और इस्तेमाल करने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे ताकि आप अपने लिए सबसे सही विकल्प चुन सकें।
गर्भनिरोधक क्या हैं? और यह क्यों ज़रूरी हैं?
गर्भनिरोधक, जिन्हें गर्भनिरोध के उपाय (Contraceptives) भी कहा जाता है, वे तरीके, डिवाइस या दवाएं हैं जिनका उपयोग यौन संबंध बनाने के दौरान गर्भधारण को रोकने के लिए किया जाता है। ये उपाय स्पर्म को अंडे तक पहुंचने से रोककर या अंडे को गर्भाशय में स्थापित होने से रोककर काम करते हैं।
अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के अलावा, गर्भनिरोधक उपाय अपनाना कई और कारणों से भी महत्वपूर्ण है:
- परिवार नियोजन: यह कपल्स को यह तय करने की आज़ादी देता है कि वे कब और कितने बच्चे चाहते हैं।
- स्वास्थ्य सुरक्षा: यह महिलाओं को बार-बार होने वाली प्रेग्नेंसी और उससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों से बचाता है।
- यौन संचारित रोगों से बचाव: कुछ गर्भनिरोधक उपाय, जैसे कंडोम, आपको एचआईवी (HIV) और अन्य यौन संचारित रोगों (STIs) से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- मानसिक शांति: सही गर्भनिरोधक उपाय का इस्तेमाल आपको अनचाहे गर्भ के डर से मुक्त रखता है, जिससे आप अपने रिश्ते का पूरा आनंद ले पाते हैं।
प्रेग्नेंट होने से कैसे बचें? 10 सबसे असरदार उपाय
तो चलिए, अब जानते हैं प्रेग्नेंट होने से बचने के 10 सबसे असरदार उपायों के बारे में।
1. कंडोम (Condom) – सबसे आसान और सुरक्षित उपाय
कंडोम गर्भनिरोध का सबसे आम और आसानी से उपलब्ध होने वाला तरीका है। यह एक बैरियर मेथड है, जो पुरुष के स्पर्म को महिला की योनि में जाने से रोकता है।
कैसे काम करता है?
यौन संबंध बनाने से पहले पुरुष इसे अपने इरेक्ट लिंग पर पहनते हैं। यह लेटेक्स या पॉलीयुरेथेन जैसी पतली सामग्री से बना होता है, जो स्खलन (ejaculation) के दौरान वीर्य को अंदर ही इकट्ठा कर लेता है और उसे गर्भाशय तक पहुंचने से रोकता है। आजकल महिलाओं के लिए भी फीमेल कंडोम उपलब्ध हैं, जिन्हें संबंध बनाने से पहले योनि के अंदर लगाया जाता है।
प्रभावशीलता:
अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो पुरुष कंडोम 98% तक प्रभावी होते हैं। हालांकि, असल दुनिया में इसके फटने या फिसलने जैसी गलतियों के कारण इसकी प्रभावशीलता लगभग 85% मानी जाती है।

फायदे:
- यह अनचाही प्रेग्नेंसी के साथ-साथ यौन संचारित रोगों (STIs) जैसे एचआईवी, क्लैमाइडिया और गोनोरिया से भी बचाता है।
- यह आसानी से किसी भी मेडिकल स्टोर पर मिल जाता है और सस्ता होता है।
- इसका कोई हार्मोनल साइड इफेक्ट नहीं होता है।
नुकसान:
- कुछ लोगों को लेटेक्स से एलर्जी हो सकती है।
- कभी-कभी संबंध बनाने के दौरान यह फट या फिसल सकता है।
- इसे हर बार सही तरीके से पहनने की ज़रूरत होती है।
2. गर्भनिरोधक गोलियां (Birth Control Pills) – एक लोकप्रिय हार्मोनल विकल्प
गर्भनिरोधक गोलियां, जिन्हें “पिल्स” भी कहा जाता है, एक बहुत ही लोकप्रिय हार्मोनल गर्भनिरोधक तरीका है। ये गोलियां महिलाओं के शरीर में हार्मोन के स्तर को बदलकर काम करती हैं।
कैसे काम करती हैं?
ये गोलियां हर महीने अंडाशय से अंडे को निकलने (ओव्यूलेशन) से रोकती हैं। साथ ही, ये गर्भाशय ग्रीवा के म्यूकस (बलगम) को गाढ़ा कर देती हैं, जिससे स्पर्म का गर्भाशय में प्रवेश करना मुश्किल हो जाता है। ये गोलियां दो प्रकार की होती हैं:
- कंबाइंड पिल्स: इनमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन दोनों हार्मोन होते हैं।
- मिनी-पिल्स: इनमें सिर्फ प्रोजेस्टिन हार्मोन होता है। यह अक्सर उन महिलाओं को दी जाती है जो स्तनपान करा रही हैं या जिन्हें एस्ट्रोजन से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं।
प्रभावशीलता:
अगर इन्हें बिना भूले, नियमित रूप से लिया जाए, तो ये 99% से भी ज़्यादा प्रभावी होती हैं।
फायदे:
- यह गर्भनिरोध का एक बहुत ही प्रभावी तरीका है।
- यह पीरियड्स को नियमित करने, दर्द कम करने और मुंहासों को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकती है।
- संबंध बनाने की सहजता में कोई बाधा नहीं आती।
नुकसान:
- इन्हें रोज़ाना एक ही समय पर लेना होता है। भूलने पर प्रभाव कम हो सकता है।
- शुरुआत में कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जैसे सिरदर्द, मूड में बदलाव, या वजन बढ़ना।
- यह एसटीआई से कोई सुरक्षा नहीं देती हैं।
- इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है।
3. अंतर्गर्भाशयी उपकरण (IUD – Intrauterine Device)
आईयूडी एक छोटा, टी-आकार का प्लास्टिक का उपकरण होता है, जिसे डॉक्टर या नर्स द्वारा महिला के गर्भाशय में लगाया जाता है। यह लंबे समय तक चलने वाला और बेहद प्रभावी गर्भनिरोधक उपाय है।

कैसे काम करता है?
आईयूडी दो प्रकार के होते हैं:
- कॉपर-टी (Copper-T IUD): यह तांबे से बना होता है। तांबा स्पर्म के लिए एक तरह से ज़हर का काम करता है, जिससे वे अंडे को फर्टिलाइज़ नहीं कर पाते। यह 10 साल तक सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
- हार्मोनल आईयूडी (Hormonal IUD): यह धीरे-धीरे प्रोजेस्टिन हार्मोन छोड़ता है, जो ओव्यूलेशन को रोकता है और सर्वाइकल म्यूकस को गाढ़ा करता है। यह 3 से 7 साल तक प्रभावी रहता है।
प्रभावशीलता:
आईयूडी गर्भनिरोध के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है, जिसकी सफलता दर 99% से अधिक है।
फायदे:
- एक बार लगवाने के बाद सालों तक चिंता करने की ज़रूरत नहीं होती।
- यह बहुत ज़्यादा असरदार है।
- हटाने के तुरंत बाद फर्टिलिटी वापस आ जाती है।
नुकसान:
- इसे केवल एक प्रशिक्षित स्वास्थ्य पेशेवर ही लगा या हटा सकता है।
- शुरुआत में पीरियड के दौरान दर्द या ब्लीडिंग बढ़ सकती है, खासकर कॉपर-टी के साथ।
- यह एसटीआई से बचाव नहीं करता है।
4. गर्भनिरोधक इंजेक्शन (Contraceptive Injection)
यह एक हार्मोनल इंजेक्शन है जो महिलाओं को नियमित अंतराल पर दिया जाता है। इसे “डेपो-प्रोवेरा” (Depo-Provera) के नाम से भी जाना जाता है।
कैसे काम करता है?
इस इंजेक्शन में प्रोजेस्टिन हार्मोन होता है, जो शरीर में जाकर ओव्यूलेशन को रोकता है। यह इंजेक्शन आमतौर पर हर 3 महीने में एक बार लगाया जाता है।
प्रभावशीलता:
यह 99% तक प्रभावी है, बशर्ते आप समय पर अगला इंजेक्शन लगवाती रहें।
फायदे:
- आपको रोज़ाना गोली लेने की चिंता नहीं करनी पड़ती।
- यह बहुत प्रभावी और सुविधाजनक है।
- यह सेक्स में किसी तरह की रुकावट पैदा नहीं करता।
नुकसान:
- इसके कारण पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं या पूरी तरह बंद भी हो सकते हैं।
- इसका असर खत्म होने के बाद फर्टिलिटी वापस आने में कुछ महीने लग सकते हैं।
- कुछ महिलाओं को सिरदर्द या वजन बढ़ने जैसे साइड इफेक्ट्स का अनुभव हो सकता है।
5. आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां (Emergency Contraceptive Pills)
इन्हें “मॉर्निंग-आफ्टर पिल” भी कहा जाता है। इनका इस्तेमाल केवल इमरजेंसी में किया जाना चाहिए, जैसे कि कंडोम फटने या असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बाद। यह नियमित गर्भनिरोध का तरीका नहीं है।

कैसे काम करती हैं?
ये गोलियां ओव्यूलेशन को रोकने या देरी करने का काम करती हैं। इन्हें असुरक्षित यौन संबंध के 72 घंटों (3 दिन) के भीतर लेना सबसे प्रभावी होता है। कुछ नई गोलियां 120 घंटे (5 दिन) तक भी प्रभावी होती हैं।
प्रभावशीलता:
जितनी जल्दी इन्हें लिया जाए, ये उतनी ही ज़्यादा प्रभावी होती हैं। 24 घंटे के अंदर लेने पर ये लगभग 95% तक असरदार होती हैं।
फायदे:
- आपातकालीन स्थिति में अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने में मदद करती हैं।
नुकसान:
- इनका बार-बार इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- ये हार्मोन का भारी डोज़ होती हैं, जिससे पीरियड्स का चक्र बिगड़ सकता है।
- साइड इफेक्ट्स में मतली, उल्टी, और थकान शामिल हो सकते हैं।
6. स्थाई गर्भनिरोधक उपाय (Permanent Contraception)
यह तरीका उन कपल्स के लिए है जो अपना परिवार पूरा कर चुके हैं और भविष्य में बच्चे नहीं चाहते। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है और इसे उलटना बहुत मुश्किल होता है।
कैसे काम करता है?
- महिलाओं के लिए (ट्यूबेक्टॉमी/नसबंदी): इस प्रक्रिया में फैलोपियन ट्यूब को बंद या काट दिया जाता है, ताकि अंडा गर्भाशय तक न पहुंच सके।
- पुरुषों के लिए (वेसेक्टॉमी/नसबंदी): इस प्रक्रिया में वास डिफेरेंस (शुक्रवाहिका नली) को बंद कर दिया जाता है, ताकि स्पर्म वीर्य में न मिल सकें।
प्रभावशीलता:
यह 99.5% से अधिक प्रभावी है और गर्भनिरोध का सबसे स्थायी तरीका है।
फायदे:
- एक बार करवाने के बाद गर्भनिरोध की कोई चिंता नहीं रहती।
- यह सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है।
नुकसान:
- यह एक स्थायी प्रक्रिया है और इसे उलटना लगभग असंभव है।
- यह एक छोटी सर्जरी है, जिसमें कुछ जोखिम शामिल हो सकते हैं।
7. सर्वाइकल कैप और डायफ्राम (Cervical Cap and Diaphragm)
ये बैरियर मेथड के ही प्रकार हैं। सर्वाइकल कैप सिलिकॉन से बना एक छोटा कप होता है, जबकि डायफ्राम एक नरम, गुंबद के आकार का कप होता है।
कैसे काम करता है?
इन्हें यौन संबंध बनाने से पहले योनि के अंदर गर्भाशय ग्रीवा (cervix) पर फिट किया जाता है। यह स्पर्म को गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकता है। बेहतर प्रभाव के लिए अक्सर इनके साथ स्पर्मिसाइड (शुक्राणुनाशक) जेली का उपयोग किया जाता है।

प्रभावशीलता:
सही तरीके से इस्तेमाल करने पर इनकी प्रभावशीलता 88% से 94% के बीच होती है।
फायदे:
- इनका कोई हार्मोनल साइड इफेक्ट नहीं होता है।
- आप इन्हें संबंध बनाने से कुछ घंटे पहले लगा सकती हैं।
नुकसान:
- इन्हें सही तरीके से लगाना सीखना पड़ता है।
- यह एसटीआई से बचाव नहीं करते हैं।
- कुछ महिलाओं को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) का खतरा बढ़ सकता है।
8. प्राकृतिक परिवार नियोजन (Natural Family Planning)
इस तरीके में महिला अपने मासिक धर्म चक्र को ट्रैक करती है ताकि यह पता चल सके कि वह महीने के किन दिनों में सबसे ज़्यादा फर्टाइल (गर्भवती होने की संभावना) है। इस दौरान कपल या तो यौन संबंध बनाने से बचते हैं या कंडोम जैसे किसी अन्य उपाय का उपयोग करते हैं।
कैसे काम करता है?
इसके कई तरीके हैं:
- कैलेंडर विधि: पिछले मासिक धर्म चक्रों के आधार पर फर्टाइल दिनों का अनुमान लगाया जाता है।
- बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT) विधि: हर सुबह शरीर का तापमान मापा जाता है। ओव्यूलेशन के बाद तापमान थोड़ा बढ़ जाता है।
- सर्वाइकल म्यूकस विधि: ओव्यूलेशन के आसपास सर्वाइकल म्यूकस की बनावट और मात्रा में बदलाव को ट्रैक किया जाता है।
- सिम्प्टो-थर्मल विधि: इसमें ऊपर दिए गए सभी तरीकों का एक साथ उपयोग किया जाता है।
प्रभावशीलता:
अगर इसे बहुत सटीकता और अनुशासन के साथ किया जाए, तो यह 99% तक प्रभावी हो सकता है। लेकिन व्यवहार में इसकी सफलता दर 76% से 88% के बीच ही होती है।
फायदे:
- यह पूरी तरह से प्राकृतिक है और इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
- यह आपके शरीर को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।
नुकसान:
- यह तरीका कम विश्वसनीय है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिनके पीरियड्स अनियमित हैं।
- इसमें बहुत अनुशासन और दैनिक ट्रैकिंग की ज़रूरत होती है।
9. फर्टिलिटी ट्रैकिंग ऐप्स (Fertility Tracking Apps)
आजकल कई मोबाइल ऐप्स उपलब्ध हैं जो प्राकृतिक परिवार नियोजन को आसान बनाते हैं। ये ऐप्स आपके पीरियड की तारीखों, शरीर के तापमान और अन्य लक्षणों को रिकॉर्ड करते हैं और आपके फर्टाइल और नॉन-फर्टाइल दिनों का अनुमान लगाते हैं।
कैसे काम करते हैं?
ये ऐप्स कैलेंडर विधि और अन्य डेटा का उपयोग करके एक एल्गोरिथ्म पर काम करते हैं। आप जितना ज़्यादा डेटा इनपुट करती हैं, इनका अनुमान उतना ही सटीक होता जाता है।
फायदे:
- ट्रैकिंग को आसान और सुविधाजनक बनाते हैं।
- आपको अपने चक्र के बारे में जागरूक रखते हैं।
नुकसान:
- ये ऐप्स केवल अनुमान लगाते हैं और हमेशा 100% सटीक नहीं हो सकते।
- इन पर पूरी तरह से निर्भर रहना जोखिम भरा हो सकता है। बेहतर है कि इन्हें किसी और गर्भनिरोधक उपाय के साथ इस्तेमाल किया जाए।
10. घरेलू और आयुर्वेदिक उपाय
कुछ पारंपरिक और घरेलू उपायों का भी ज़िक्र किया जाता है, जिनका उपयोग अनचाहे गर्भ से बचने के लिए किया जाता रहा है। हालांकि, यह ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है कि इन उपायों की वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है और ये पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं हैं।
कुछ प्रचलित उपाय:
- पपीता: माना जाता है कि कच्चा पपीता खाने से गर्भ ठहरने की संभावना कम हो सकती है क्योंकि यह गर्भाशय में संकुचन पैदा कर सकता है।
- अनानास: इसमें ब्रोमेलैन नामक एंजाइम होता है, जो आरोपण (implantation) को रोक सकता है।
- नीम: नीम को एक प्राकृतिक शुक्राणुनाशक माना जाता है।
- अदरक की चाय: अदरक का सेवन भी पीरियड्स को प्रेरित करने के लिए किया जाता है।
महत्वपूर्ण चेतावनी:
इन घरेलू उपायों पर पूरी तरह से निर्भर रहना सुरक्षित नहीं है। ये उपाय अप्रभावी हो सकते हैं और कुछ मामलों में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकते हैं। अनचाहे गर्भ से बचने के लिए हमेशा वैज्ञानिक रूप से सिद्ध और विश्वसनीय तरीकों का ही इस्तेमाल करें। किसी भी उपाय को आज़माने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
निष्कर्ष – आपके लिए सबसे अच्छा तरीका कौन सा है?
प्रेग्नेंट होने से बचने का कोई एक “सर्वश्रेष्ठ” तरीका नहीं है। आपके लिए सबसे अच्छा गर्भनिरोधक उपाय आपकी उम्र, स्वास्थ्य, जीवनशैली, रिश्तों की स्थिति और व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है।
- अगर आप STI से भी सुरक्षा चाहते हैं, तो कंडोम सबसे अच्छा विकल्प है।
- अगर आप एक लंबे समय तक चलने वाला और बेहद प्रभावी तरीका चाहते हैं, तो आईयूडी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
- अगर आप रोज़ाना गोली लेने में सहज हैं, तो गर्भनिरोधक गोलियां आपके लिए सही हो सकती हैं।
- अगर आप अपना परिवार पूरा कर चुके हैं, तो स्थायी नसबंदी पर विचार कर सकते हैं।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप अपने पार्टनर के साथ इस विषय पर खुलकर बात करें और मिलकर कोई फैसला लें। किसी भी नए गर्भनिरोधक तरीके को अपनाने से पहले डॉक्टर या स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना हमेशा सबसे सुरक्षित और सही कदम होता है। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और ज़रूरतों के आधार पर आपको सबसे उपयुक्त विकल्प सुझा सकते हैं।
याद रखें, सही जानकारी और सही उपाय अपनाकर आप न केवल अनचाही प्रेग्नेंसी से बच सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ और तनाव-मुक्त जीवन भी जी सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सबसे सुरक्षित और 100% प्रभावी गर्भनिरोधक तरीका कौन सा है?
जवाब: कोई भी तरीका 100% गारंटी नहीं देता, लेकिन सही इस्तेमाल पर IUD और इम्प्लांट 99% से ज्यादा प्रभावी हैं। स्थायी नसबंदी (ट्यूबेक्टॉमी/वैसेक्टॉमी) सबसे करीब 99.9% है, लेकिन यह उलटा नहीं जा सकता।
गर्भनिरोधक गोलियाँ लेने से वजन बढ़ता है या नहीं? और क्या इन्हें लंबे समय तक लेना सुरक्षित है?
जवाब: नई जनरेशन की गोलियों से ज्यादातर महिलाओं का वजन नहीं बढ़ता। 5-7 साल तक लगातार लेना आम तौर पर सुरक्षित है, लेकिन हर 1-2 साल में डॉक्टर से चेकअप जरूरी है।
कॉपर-टी लगवाने से पीरियड्स में बहुत दर्द और हैवी ब्लीडिंग होती है – क्या इसे निकलवाना चाहिए?
जवाब: पहले 3-6 महीने तक हैवी ब्लीडिंग और क्रैंप आम है। अगर 6 महीने बाद भी असहनीय दर्द/ब्लीडिंग हो रही हो तो डॉक्टर से सलाह लें – हटवाया जा सकता है।
इमरजेंसी पिल (i-Pill, Unwanted-72) को महीने में कितनी बार लेना सुरक्षित है?
जवाब: इमरजेंसी पिल सिर्फ आपातकाल के लिए है। महीने में 1 बार से ज्यादा या साल में 3-4 बार से ज्यादा लेना सुरक्षित नहीं। बार-बार लेने से हार्मोनल असंतुलन और अनियमित पीरियड्स हो सकते हैं।
क्या कंडोम + विथड्रॉल विधि (झटका देकर बाहर निकालना) साथ में इस्तेमाल करने से 100% प्रेग्नेंसी नहीं होती?
जवाब: नहीं। विथड्रॉल विधि की फेलियर रेट बहुत ज्यादा (20-25%) है क्योंकि प्री-कम में भी स्पर्म हो सकते हैं। कंडोम + विथड्रॉल से भी रिस्क रहता है। बेहतर है कंडोम के साथ कोई दूसरा तरीका (गोली/IUD) इस्तेमाल करें।
References
- भारत सरकार – राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन → परिवार नियोजन कार्यक्रम (आधिकारिक दिशानिर्देश 2024-25) https://nhm.gov.in/index1.php?lang=1&level=2&sublinkid=821&lid=222
- MSD मैनुअल (हिंदी) – विश्व की सबसे विश्वसनीय मेडिकल रेफरेंस → गर्भनिरोधन का अवलोकन (2024 अपडेट) https://www.msdmanuals.com/hi/home/women-s-health-issues/family-planning/overview-of-contraception
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) – भारत → Family Planning & Contraception Guidelines https://www.who.int/india/health-topics/family-planning
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) – भारत सरकार → India Fact Sheet & Full Report (2019-2021)
- Jean Hailes for Women’s Health – हिंदी फैक्ट शीट → Contraception – Your choices (2024) https://www.jeanhailes.org.au/resources/contraception-hindi



